नमस्कार मित्रो! आपको ये बताते हुए आनंद हो रहा है कि मैं बचपनसे पर्यावरण प्रेमी रहा हु. और पर्यावरण के बारे में मुज से बडे और अनुभवी लोग और खुद के अनुभवों से काफी कुछ जाना,समजा. फीर भी काफी कुछ जानना बाकी हैं|
सामान्य तौर पर आपके आसपास के आवरण को पर्यावरण कहते हैं| यानी आपके आसपास जो है वो. ५ जून के दिन पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
पहले के समय की बात करे तो पर्यावरण काफी शुद्ध हुआ करता था. लेकिन औद्योगिक क्रांति और प्रतिदिन बदलती आधुनिक शैली के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा हैं. जो गंभीर चिंता का विषय है.
आजके आधुनिक और निरंतर विकसते युगमे आँख आडे कान नहीं करने चाहिए. पर्यावरणके प्रश्न को गंभीरता से सोचना चाहिए. इस दिशामे कइ पर्यावरणविद्द और ऐनजीओ आंदोलन और से जाग्रुताके कइ कार्यक्रम रखे जाते हैं.
हम पर्यावरण का नुकसान कर हमारी आने वाली पेढ़ी को दूषित पर्यावरण में जिने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. इस लिए पर्यावरण के प्रति नवचेतना और जाग्रुता को बढानी होगी. और इस दिशामे NGT नजर रख रहा है.
पर्यावरण से हो रहे फायदे और उपयगीता को विशेष तौर पर शाला और उच्च शिक्षा में पढाना चाहिए. जिस से छात्रों पर्यावरण से परिचित हो सके और पर्यावरण का महत्व समझ सके और पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्षम बने अैसा करना चाहिए.
हमे पर्यावरण प्रति की हमारी फरजो को समझना चाहिए और उस दिशामे प्रयास करना चाहिए. हमे पर्यावरण संरक्षण की ओर विशेष ध्यान देना होगा जिससे हम आने वाली पेढ़ीओ श्रेष्ठ पर्यावरण का वारसा दे सके.
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